किताब का विषय : जेनी और नारायण… इस कहानी के दो ऐसे पात्र जिनमें जाने अनजाने प्यार करने वाला हर जवां दिल अपनी एक झलक जरूर पाता है। जेनी जर्मनी की रहने वाली है जबकि नारायण बिहार के एक सुदूर गाँव का। जेनी ध्यान, योग, विपश्यना और अध्यात्म में गहरी रुचि रखती है, इस कारण भारत भूमि उसे बहुत आकर्षित करती है। उसे बनारस दिव्य लगता है। वह यहाँ की संस्कृति, रहन-सहन, जीवनशैली की मुरीद है। जबकि नारायण बी.एच.यू. में पढ़ने वाला प्रगतिशील विचारों का युवा है जिसे धर्म और ईश्वर में कोई विशेष आस्था नहीं है। दोनों एकदम विपरीत सोच, धर्म, नस्ल और संस्कृति के हैं। बावजूद दोनों में एक बात कॉमन है; दोनों प्यार के मामले में एक जैसे हाल में रहते हैं – चोटिल, मर्माहत और भग्न हृदय। पहली मुलाकात के बाद नारायण जेनी के प्रेम में पड़ जाता है। वह भावनात्मक रूप से एक बार जेनी से जुड़ने के बाद कभी मुक्त नहीं हो पाता। जेनी के लिए शुरू-शुरू में यह सबकुछ बहुत साधारण सा लगता है लेकिन बाद में सबकुछ उल्टा पड़ जाता है। आपकी संवेदनावों को झकझोरने और आपके मर्म पर प्रहार करने वाली एक ऐसी भावुकतापूर्ण प्रेम कहानी जिसमे बनारस, बी.एच.यू., प्रेम और वेदना अपने गाढ़े रंग में नजर आते हैं।
किताब के बारे में : ओम प्रकाश राय यायावर के इस उपन्यास “काशीयाना” को प्रकाशित किया है फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन्स ने। 167 पेजों की इस किताब की कीमत है 152 रुपए मात्र। ये अमेजन पर उपलब्ध है
लेखक के बारे में : ‘काशीयाना’ ओम प्रकाश राय ‘यायावर’ का चौथा उपन्यास है। इनकी पिछली किताबें काशी टेल (खोया खोया चाँद) और ‘आपका रसिया’ काफी प्रचलित रही हैं। यायावर एक स्वाभाविक लेखक हैं। सामाजिक पहलुओं में प्रेम प्रसंगों का अत्यंत खूबसूरती से समावेश करना इनकी विशेषता है। यायावर के लेखन से माटी की सौंधी खुशबू आती है।बिहार के भोजपुर जिले में जन्मे यायावर का ग्राम्य जीवन से गहरा संबंध रहा है। वर्षों तक शिक्षण और यायावरी करने के बाद, आप फ़िलहाल बी. एच. यू. से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यायावर को तरह-तरह की किताबें पढ़ना, पुराने फ़िल्मी गीतों को सुनना, प्रकृतिपूर्ण वातावरण में समय गुजरना, नई-नई जगहों का पता लगाना और भटकना अच्छा लगता है। यायावर से संपर्क का सबसे अच्छा माध्यम है, इनका फेसबुक पेज Om Prakash Rai Yayavar आप इन्हें authorom@gmail.com पर ईमेल भी कर सकते हैं।