दुनिया से अलग होने की क़ीमत चुकानी ही पड़ती है। ऐसी ही एक क़ीमत मीरा ने भी चुकाई। मीरा अपने सपनों की तलाश में शिमला से दिल्ली आती है, जहाँ से उसका अभिनेत्री बनने का सफ़र शुरू होता है, जो उसे मुंबई तक ले जाता है। उसे नाम, शोहरत, पैसा, प्यार सब मिलता है। अचानक उसके साथ एक हादसा हो जाता है, जो उसकी पूरी ज़िंदगी बदल देता है। एक दिन वह ख़ुद को अपने ही अपार्टमेंट में मरा हुआ पाती है। उसे ख़ुद को इस तरह देखकर विश्वास ही नहीं होता। उसका दिमाग़ भी काम करना बंद कर देता है। उसे यह भी याद नहीं आता कि यह कैसे हुआ, क्यों हुआ, किसने किया।.
साधना जैन की लिखी इस किताब जुहू चौपाटी को प्रकाशित किया है हिन्द युग्म प्रकाशन ने। 176 पेजों की इस किताब की कीमत है 150 रुपए । अमेजन और फ्लिपकार्ट पर ये छूट के साथ आपको मिल सकती है।